Wednesday, 7 May 2025

मॉक ड्रिल : सायरन के साथ कई जगहों पर ब्लैकआउट

मॉक ड्रिल : सायरन के साथ कई जगहों पर ब्लैकआउट 

एयरपोर्ट पर 15 मिनट तक लाइटें बंद, अफसर उतरे सड़क पर, सैनिकों के लिए की गयी गंगा आरती

विश्वनाथ धाम पुलिस लाइन समेत काशी में कई जगहों पर मॉक ड्रिल, हवाई हमले से बचाव की दी ट्रेनिंग

सुरेश गांधी

वाराणसी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार काशी में भी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान हवाई हमले की चेतावनी के संकेतों के बीच विभिन्न चौक चौराहों और बाजारों में सायरन की आवाज गूंजी। लोगों ने अपनी अपनी लाइटें बंद कर दी। दस मिनट तक ब्लैकआउट में रहा। लोगों ने अपने अपने घरों और प्रतिष्ठानों की लाइट को पूरी तरह ऑफ कर दिया। 

सड़क पर दौड़ रही वाहनों ने अपनी अपनी लाइट को बंद कर सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी कर दी और सिविल डिफेंस नागरिक सुरक्षा मंत्रालय, होमगार्ड आपदा प्रबंधन विभाग, दमकल विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जिला पुलिस और प्रशासन के आह्वान का पालन करते हुए ब्लैक आउट में सहयोग दिया। युद्ध के दौरान सावधानी बरतने टिप्स दिए गए।  रेड अलर्ट सायरन बजने के बाद अलर्ट रहने की जानकारी दी गई। अफवाह पर ध्यान देने की अपील की गई।

तीन चरणों में मॉक ड्रिल किया गया। पहले चरण में सायरन बजाकर किया गया जागरूक उसके बाद सुनाई दी धमाकों की आवाज़। दूसरे चरण में धमाकों में घायल हुए लोगों को प्राथमिक चिकित्सा चौकी पहुंचाया गया, धमाकों से लगी आग बुझाई गई। 

तीसरे चरण में एम्बुलेंस की मदद से कुछ लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया। मॉक ड्रिल के माध्यम से मध्य रेलवे ने किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए अपनी सतर्कता का प्रदर्शन किया है और ड्रिल के माध्यम से आम आदमी को सचेत करने की कोशिश की है.  

 वाराणसी एयरपोर्ट पर 15 मिनट तक ब्लैक आउट किया गया। सभी लाइटों को बंद कर आपातकालीन स्थिति के लिए अभ्यास किया गया। इस दौरान लोगों को सुरक्षा उपायों के प्रति जानकारी दी गई। आपातकालीन समय में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बताया गया कि जब भी सायरन बजे जहां हैं, वहीं लेट जाएं। एयरपोर्ट संपर्क मार्ग की लाइटें भी की बंद कर दी गईं।

ब्लैक आउट का समय रात नौ से 10 बजे तय किया गया था। हालांकि, एयरपोर्ट निदेशक ने 7 से 715 बजे तक ब्लैक आउट की पुष्टि की है। इससे पहले काशी की विश्वविख्यात गंगा आरती में ऑपरेशन सिंदूर की झलक दिखी। सुबह छह बजे से पुलिस लाइन से मॉक ड्रिल शुरू हुई। इसके बाद शहर के प्रमुख चौराहे, घाट, बरेका, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और सभी ग्राम पंचायतों और विद्यालयों में मॉक ड्रिल कराई जा रही है। 

काशी विश्वनाथ धाम में भी किसी भी आपात स्थिति ने निपटने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया गया। सायरन बजते ही क्या करना है, इसे लेकर सतर्क किया गया। 

मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजने पर क्या करना है, उसको भी समझाया गया। मैदान में दो हथगोला भी छोड़ा गया। इसके बाद घायलों को कैसे राहत पहुंचाना है उसका भी डेमो किया गया। यूपी कॉलेज में भी माक ड्रिल हुई। इस दौरान सिविल डिफेंस वार्डेन, एनसीसी कैडेट्स के साथ आपदा से बचाव के उपाय को लेकर लोगों को जागरूक किया।

इसी क्रम में हमले की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीम काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के अंदर घुस गई। इधर-उधर घायल पड़े लोगों को सबसे पहले बाहर लाया गया। एंबुलेंस में सभी इलाज शुरू किया गया। कुछ लोगों को सीपीआर देने के साथ ही उन्हें एंबुलेंस से अस्पतालों के लिए भी रवाना किया गया। एक दीवार को भी तोड़कर अंदर पहुंचने का अभ्यास किया गया। 
एनडीआरएफ के साथ डॉग स्क्वायड की टीम भी मौजूद रही। यह डॉग मलबे के अंदर दबे लोगों की पहचान करने का काम कर रहा था। 

सायरन बजाकर लोगों को सचेत किया गया। एनडीआरएफ टीम ने घायलों को बाहर निकाला। गैस सिलेंडर में आग लगने और उसे बुझाने का प्रशिक्षण दिया। इस दौरान डीएम सत्येंद्र कुमार, अपर आयुक्त कानून व्यवस्था डॉ. एस चन्नप्पा, एडीएम सिटी आलोक वर्मा, उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा जितेन्द्र देव सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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