प्रदेश के सभी 380 निबंधन कार्यालय का होगा अपना भवन, तकनीकी सुविधाओं से होंगे लैस
अब हर जनपद में होगा हाईटेक निबंधन कार्यालय, वाराणसी से हुई शुरुआत
वाराणसी में
18.56 करोड़
की
लागत
से
आठ
भवनों
का
हुआ
लोकार्पण
व
शिलान्यास
हर भवन
में
होगी
सौर
ऊर्जा,
वाटर
हार्वेस्टिंग
और
एक
जैसी
पहचान
रजिस्ट्री कार्य
में
पारदर्शिता,
सरलता
और
सम्मानजनक
अनुभव
होगा
सुनिश्चित
प्रधानमंत्री मोदी
व
मुख्यमंत्री
योगी
की
पहल
पर
हो
रहा
कायाकल्प
अब पुराने ढर्रे से इतर डिजिटल व पारदर्शी प्रशासनिक प्रणाली का हिस्सा बनेंगे रजिस्ट्री कार्य
: रविन्द्र जायसवाल
सुरेश गांधी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में निबंधन कार्यालय
अब किसी आम सरकारी
दफ्तर की तरह नहीं,
बल्कि तकनीक और सुविधा का
नया प्रतीक बनेंगे। प्रदेश के समस्त 380 निबंधन
कार्यालयों को अब अत्याधुनिक
सुविधाओं से लैस अपने
स्थायी भवनों में संचालित किया
जाएगा। इस नवाचार की
ऐतिहासिक शुरुआत शनिवार को काशी से
हुई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के संसदीय क्षेत्र
वाराणसी से स्टांप एवं
न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने इस महत्वाकांक्षी
योजना का शुभारंभ किया।
जायसवाल ने 18 करोड़ 56 लाख 27 हजार रुपये की
लागत से बनने वाले
08 निबंधन कार्यालय भवनों का लोकार्पण व
शिलान्यास बटन दबाकर किया।
वाराणसी स्थित एनआईसी सभागार में आयोजित समारोह
में मंत्री ने उप निबंधक
कार्यालय सगड़ी (आजमगढ़) के नव-निर्मित
भवन का लोकार्पण भी
किया, साथ ही चंदौली,
श्रावस्ती, जयसिंहपुर, महोली, रामसनेहीघाट, लंभुआ, सवायजपुर समेत अन्य स्थानों
पर भवन निर्माण कार्यों
का शिलान्यास हुआ। “यह योजना केवल
भवन निर्माण की नहीं, बल्कि
नागरिकों की सुविधा, सम्मान
और अधिकारों को मजबूत करने
की योजना है। निबंधन कार्यालय
अब पुराने ढर्रे से निकलकर नए
भारत की डिजिटल व
पारदर्शी प्रशासनिक प्रणाली का हिस्सा बनेंगे।”
एक जैसी पहचान, एक जैसा स्वरूप
मंत्री ने स्पष्ट किया
कि सभी भवन एक
ही रंग योजना में
रंगे जाएंगे, जिससे उनकी एक विशेष
पहचान होगी। न केवल निर्माण
की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
होगा, बल्कि सभी भवनों में
सौर ऊर्जा संयंत्र और वाटर हार्वेस्टिंग
सिस्टम भी अनिवार्य रूप
से लगाए जाएंगे। निर्माण
की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु थर्ड
पार्टी इंस्पेक्शन का भी प्रावधान
किया गया है।
रजिस्ट्री में पारदर्शिता व सरलता लाना उद्देश्य
रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि
यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ की सोच का
परिणाम है, जो जनसामान्य
की सुविधा, पारदर्शिता और कुशल प्रशासनिक
प्रणाली को प्राथमिकता देती
है। उन्होंने कहा कि प्रदेश
भर के जिलों से
मांग की जा रही
थी कि निबंधन कार्यालयों
के लिए अलग भवन
हों, ताकि नागरिकों को
परेशानी न हो और
काम समयबद्ध व डिजिटल प्रणाली
से हो। मंत्री ने
उप निबंधकों को निर्देश दिए
कि लोगों से शालीन व्यवहार
करें, कार्यों का समय से
सरलीकरण के साथ निस्तारण
करें और किसी भी
तकनीकी या मानव संसाधन
की कमी की स्थिति
में त्वरित उपाय करें। उन्होंने
यह भी कहा कि
जिन जिलों में स्टाफ की
कमी है, वहां शीघ्र
व्यवस्था की जाएगी।
सभी जिलों में होगी अपनी छत
कार्यक्रम में मंत्री ने
यह भी ऐलान किया
कि प्रदेश के सभी 380 निबंधन
कार्यालयों को अब अपने
भवन मिलेंगे और इन्हें चरणबद्ध
रूप से विकसित किया
जाएगा। बुधवार को लखनऊ में
इस योजना का राज्य स्तरीय
शिलान्यास भी किया जाएगा,
जो निबंधन कार्यालयों के लिए एक
नव युग की शुरुआत
होगी।
कार्यालय ही नहीं, अनुभव भी बदलेगा
इस योजना का
उद्देश्य सिर्फ इमारत खड़ी करना नहीं
है, बल्कि रजिस्ट्री कराने आने वाले नागरिकों
को एक बेहतर अनुभव
देना है। अब नागरिकों
को आधुनिक प्रतीक्षालय, डिजिटल टोकन व्यवस्था, महिला
व दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं और तकनीकी सहायता
जैसी व्यवस्थाएं मिलेंगी।
अधिकारियों की रही विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर
कार्यक्रम में धीरेन्द्र कुमार
सैनी, राजेश कुमार सिंह, पंकज कुमार सिंह
(सभी सहायक महानिरीक्षक निबंधन), ऋचा पांडेय, अनिल
कुमार मिश्रा, संतोष कुमार पांडे, राकेश कुमार मिश्रा, अविनाश शर्मा (जिला सूचना विज्ञान
अधिकारी) समेत कई वरिष्ठ
अधिकारी उपस्थित रहे।
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