भदोही कारपेट एक्सपो में बिछा सफलता का सुनहरा ताना-बाना
विदेशी खरीदारों
को
लुभाने
में
सफल
रहा
चौथा
अंतरराष्ट्रीय
कालीन
मेला,
निर्यात
के
नए
क्षितिज
पर
पहुंची
कालीन
नगरी
42 देशों से आए विदेशी
खरीदार,
240 करोड़
का
संभावित
व्यापार
“नए बाजार, नए
अवसर”
: कुलदीप
राज
वाटल
सुरेश गांधी
भदोही. कारपेट इक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल के ततववधान में आयोजित 49वां इंडिया कारपेट एक्सपो का चौथा अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला मंगलवार को शानदार सफलता के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन न केवल हस्तनिर्मित कालीनों की सांस्कृतिक विरासत और बुनाई कौशल को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने में सफल रहा, बल्कि भारतीय कालीन उद्योग के लिए निर्यात के नए द्वार भी खोल गया। आयोजक मंडल का दावा है भदोही में मिली इस ऐतिहासिक सफलता ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों की चमक विश्व बाजार में पहले से अधिक उज्जवल है।
सीईपीसी अध्यक्ष श्री कुलदीप राज
वाटल ने मेले की
सफलता पर कहा, “अंतरराष्ट्रीय
चुनौतियों के बावजूद इस
वर्ष के आयोजन से
उत्साहजनक परिणाम मिले हैं। अब
परिषद भारतीय कालीन उद्योग के लिए नए
बाजारों की खोज और
विदेशी प्रदर्शनियों के आयोजन पर
ध्यान देगी।” उन्होंने बताया कि इस बार
कई नए उद्यमियों और
स्टार्टअप्स ने भागीदारी की,
जिससे उद्योग में नवाचार और
नई ऊर्जा का संचार हुआ
है। इस वर्ष 42 देशों
से 215 विदेशी खरीदार और 200 से अधिक बायर
एजेंट्स ने मेले में
भाग लिया। मेले में ऑस्ट्रेलिया,
ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, जापान, रूस, तुर्की, यूएई
और कनाडा जैसे देशों से
व्यापार प्रतिनिधि पहुंचे। मेले के दौरान
लगभग 1400 से 1600 व्यापारिक पूछताछ दर्ज की गईं,
जिनसे ₹200 से ₹240 करोड़ रुपये के
संभावित व्यापार की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक
टैरिफ चुनौतियों और युद्ध जैसी
अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के बावजूद यह
सहभागिता भारतीय कालीन उद्योग की मजबूत साख
और निर्यात क्षमता को दर्शाती है।
हाल के मुक्त व्यापार
समझौतों (एफटीए) के चलते भारतीय
कालीनों की पहुँच पारंपरिक
बाजारों से आगे बढ़कर
नए देशों तक फैल रही
है। अध्यक्ष श्री वाटल ने
मेले की सफलता के
लिए जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, जिला प्रशासन और
सभी सहयोगी अधिकारियों का आभार जताया।
साथ ही उन्होंने सीईपीसी
प्रशासनिक समिति के सदस्यों अनिल
कुमार सिंह, असलम महबूब, बोध
राज मल्होत्रा, दीपक खन्ना, हुसैन
जफर हुसैनी, इम्तियाज अहमद, पीयूष बरनवाल, महावीर प्रताप शर्मा, मेराज यासीन जान, मुकेश गोंबर,
मोहम्मद वासिफ अंसारी, रवि पाटोदिया, संजय
गुप्ता, शौकत खान, शेख
आशिक अहमद, रोहित गुप्ता सूर्यमणि तिवारी को विशेष धन्यवाद
दिया।
सीईपीसी की कार्यवाहक कार्यकारी
निदेशक डा. स्मिता नागरकोटि
ने कहा, “इंडिया कारपेट एक्सपो वैश्विक बाजार में भारतीय कालीनों
की भागीदारी बढ़ाने का सशक्त माध्यम
है। यह मंच भारतीय
निर्यातकों के लिए अंतरराष्ट्रीय
विस्तार का द्वार खोलता
है।” मेले का उद्घाटन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
शनिवार को कारपेट एक्सपो
मार्ट, भदोही में किया। इस
दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, “हस्तशिल्प
उद्योग भारत की आर्थिक
रीढ़ है। भारत को
वैश्विक शक्ति बनाना इस उद्योग के
बिना संभव नहीं। आजादी
के बाद ग्लोबल भागीदारी
में कमी आई थी,
लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व
में भारत की वैश्विक
उपस्थिति निरंतर बढ़ रही है।”
इस अवसर पर सांसद
डॉ. विनोद बिंद, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) श्रीमती अमृत राज, तथा
वस्त्र सचिव श्रीमती नीलम
शमी राव की गरिमामयी
उपस्थिति रही। अतिथियों ने
दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का
उद्घाटन किया और फेयर
डायरेक्टरी का विमोचन किया।
पूर्वांचल के विकास की नई डगर
दूसरे दिन प्रदेश के
सहकारिता राज्य मंत्री जे.पी.एस.
राठौर ने मेले का
भ्रमण कर प्रदर्शकों से
संवाद किया। उन्होंने कहा, “यह मेला पूर्वांचल
की प्रगति और ’एक जिला
एक उत्पाद’ मिशन की सफलता
का प्रतीक है। कालीन उद्योग
को उसी जिले में
बढ़ावा देना जहाँ यह
जन्मा, अत्यंत सार्थक कदम है।” मेले
के अंतिम दिन पूर्व सांसद
वीरेंद्र सिंह ‘मस्त’ ने एक्सपो का
निरीक्षण कर प्रतिभागियों का
उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा कि कालीन
उद्योग देश की कृषि
और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से गहराई से
जुड़ा है। “किसान ऊन,
जूट और कपास जैसी
फसलों से इस उद्योग
को आधार देते हैं।
कालीन उद्योग स्वदेशी भारत का जीवंत
प्रतीक है।” परिषद ने
घोषणा की कि इंडिया
कारपेट एक्सपो, नई दिल्ली कारपेट
फेयर की तिथियों की
घोषणा शीघ्र की जाएगी।


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