मोदी के क्षेत्र में भूमाफियाओं के दबाव में तहसीलकर्मियों ने चकरोड़ की जगह बदली
पीड़ित की
तहरीर
पर
मुख्यमंत्री
ने
प्रमुख
सचिव
को
दिया
जांच
का
आदेश
प्रमुख सचिव
ने
प्राथी
के
तहरीर
को
मंडलायुक्त
व
जिलाधिकारी
वाराणसी
को
जांच
का
निर्देश
देते
हुए
यथोचित
कार्रवाई
की
अपेक्षा
की
है
सुरेश गांधी
वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तहसील अफसरों का अभिलेखों में हेरफेर करने का पुराना ढर्रा नहीं बदल रहा है। आरोप है पिंडरा तहसील के अफसरों ने भूमाफियाओं के दबाव में 2011 में निर्मित चकरोड़ की जगह ही बदल दी है। तहसील अफसरों के इस रवैये से इस चकरोड़ का इस्तेमाल करने वाले ग्रामीण तो परेशान है ही, पुराने चकरोड़ की जगह दुसरे के खेत में चकरोड दर्शाने से सैकड़ों किसान भी अब खून की आंसू रो रहे है।
तहसील अफसरों के इस हरकत से हैरान परेशान रमेश पाल पुत्र स्वर्गीय अलगू पाल निवासी ग्राम बाबतपुर, तहसील पिंडरा जिला वाराणसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है। मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि प्रकरण की जांच कराकर पीड़ित को न्याय दिलाया जाएं। प्रमुख सचिव ने प्राथी के तहरीर को मंडलायुक्त व जिलाधिकारी वाराणसी को जांच का निर्देश देते हुए यथोचित कार्रवाई की अपेक्षा की है।
आरोप है कि पूर्व में जौनपुर वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के अंतर्गत चकरोड़ के किनारे के खातेदारों को केंद्र सरकार द्वारा उनके रकबे के हिसाब से मुआवजा भी दिया गया है। जिसमें नक्शा सहित चकरोड व सभी खातेदारों का रकबा स्पष्ट किया जा चुका है। वर्तमान समय में तहसील कर्मियों द्वारा उच्च अधिकारियों को गलत व भ्रामक सूचना देकर अवैध तरीके से रुपए लेकर पुनः मापी कराई गई और चकरोड का स्थान बदलकर दूसरे खातेदारों के जमीन में चकरोड का हिस्सा बढ़ा दिया गया है।
आरोप
है कि यह सब
भूमाफियाओं व प्रापर्टी डीलरों
को लाभ पहुंचाने के
लिए जा रहा है।
आरोप है कि अफसरों
के साथ क्षेत्रीय प्रधान
की भी इस मामले
में भूमिका संदिग्ध है। 15 वर्ष पुराने चकरोड
की दशा एवं दिशा
को बदलने का प्रयास किया
जा रहा है, जिससे
ग्रामसभावासियों एवं खातेदारों में
रोष व्याप्त है। रमेश पाल
ने प्रकरण की जांच कराकर
मुख्यमंत्री से न्याय की
गुहार लगाया है।
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